पढ़ो तो ऐसे पढ़ो | डॉ विजय अग्रवाल | IF YOU STUDY, THEN STUDY LIKE THIS | DR. VIJAY AGGARWAL | HINDI EBOOK
पढ़ो तो ऐसे पढ़ो - डॉ विजय अग्रवाल हिंदी बुक PDF - अधिक - से - अधिक अंक लाना ' आज के विद्यार्थी का पहला और ' अंतिम उद्देश्य बन गया है । इस उद्देश्य में उनकी मदद के लिए एक से - एक अच्छे और बड़े संस्थान हैं और जहाँ नहीं हैं , वहाँ होते जा रहे हैं ।
इस (पढ़ो तो ऐसे पढ़ो) पुस्तक को लिखने की मेरी चिन्ता ऊपर के इसी पैरे से जुड़ी हुई हैं l
आज की गलाकाट प्रतियोगिता को देखते हुए मेरी पहली चिन्ता यह है कि विद्यार्थियों के लिए ' तो बहुत कुछ किया जा रहा है , लेकिन विद्यार्थियों पर ' किए जाने वाले प्रयासों की संख्या नहीं के बराबर है ।
यह पुस्तक ' विद्यार्थियों पर ' किए गए अध्ययन का परिणाम है । इससे उन्हें अधिक - से - अधिक ' अंक लाने में बहुत मदद मिल सकेगी । साथ यह भी कि वे अपने इस उद्देश्य को अपेक्षाकृत आसानी से , अपने विद्यार्थी जीवन का भरपूर आनन्द उठाते हुए पा सकेंगे ।
मेरी दूसरी चिन्ता यह है कि वहाँ का क्या होगा , जहाँ ऐसे संस्थान नहीं हैं । मुझे लगा कि यदि वहाँ संस्थान नहीं पहुँचाए जा सकते , तो कम - से - कम एक ऐसी पुस्तक तो पहुँचाई ही जा सकती है , जो संस्थान की कमी की कुछ सीमा तक भरपाई कर सके ।
बस , इन्हीं दो मुख्य चिंताओं से मुक्ति पाने के उद्देश्य से मैंने अपने लगभग छह वर्षों के निरन्तर अध्ययन , प्रयोगों , बातचीत तथा अपने विद्यार्थी एवं अध्यापक के रूप में अब तक के गहरे अनुभवों के आधार पर यह पुस्तक तैयार की है ।
मेरी कोशिश रही है कि इससे विद्यार्थियों को अध्ययन से संबंधित उनकी सभी समस्याओं का समाधान मिल जाए । यदि आपका कोई प्रश्न अनुत्तरित रह जाये , तो मुझे लिखने में तनिक भी संकोच न करें ।
इस पुस्तक को लिखने के लिए दो लोग मेरे प्रेरणा के स्रोत रहे हैं पहले , सिद्ध भाऊजी ; जो बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित व्यक्तित्व हैं । दूसरा , मेरा बेटा जिसे पढ़ाने और उसके प्रश्नों के उत्तर देने के दौर में मैंने बहुत कुछ सीखा और मुझे लगा कि अब इस पर कुछ लिखना चाहिए ।
प्रिय मित्रों , अब यह पुस्तक मेरी नहीं , आपकी है । आप बताएँ कि आपको यह कैसी लगी ।
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं ।
आपका डॉ . विजय अग्रवाल
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