पॉजिटिव सोच के फंडे | Positive Soch Ke Funde
नकारात्मकता से भरी दुनिया में सकारात्मकता आकाश में नक्षत्र के समान है। आप जितना अधिक सकारात्मक होंगे, आप उतने ही अधिक चमकेंगे। इसलिए सकारात्मक बनिए और चमकते रहिए। पॉजिटिव सोच विकसित कर सफल होने के फंडे बताती बेहतरीन पुस्तक।.
प्रसिद्ध ब्रिटिश दार्शनिक लॉरेंस स्टेम ने 17 वीं सदी में कहा था , " ज्ञान की भूख समृद्धि की भूख की तरह होती है । जितनी मिलती है , भूख उतनी ही बढ़ती जाती है । " लॉरेंस स्टोम की यह छोटी बात बड़ा इशारा करती है ।
आज का युग ज्ञान का युग है । चहुंओर फैले ज्ञान के इस असीम सागर से कुछ मोती चुनकर लाना आसान नहीं होता । वक्त की आपाधापी में हम अपने बीच ही घटनेवाली कुछ बातों को अनदेखा कर जाते हैं ।
कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इन्हीं बातों का मतलब गहराई से समझते हैं और दूसरों को वही अर्थ सरल भाषा में समझाते हैं । ऐसे ही मानकों पर खरा उतरता है एन . रघुरामन का मैनेजमेंट फंडा ।
भारी और लच्छेदार वाक्यों का इस्तेमाल किए बगैर , जीवन की हकीकत और जीवन प्रबंधन की कला आम पाठकों तक पहुँचाने का सहज माध्यम साबित हुआ है , दैनिक भास्कर और दिव्य मराठी और दिव्य भास्कर का नियमित स्तंभ , मैनेजमेंट फंडा ' ।
वर्ष 2003 में विविध क्षेत्रों से जुड़ी जानकारी सहज - सरल भाषा में आम पाठकों तक पहुँचाने के लिए मैनेजमेंट फंडा की शुरुआत हुई । धीरे - धीरे यह स्तंभ लोकप्रियता के नित नए सोपान चढ़ता गया ।
यहाँ तक कि साल के 365 दिन पाठकों को इसका इंतजार रहने लगा । आज यह स्तंभ गागर में सागर की तर्ज पर ज्ञान समेटे हुए है । इसकी मदद से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और स्थितियों को देखने का नजरिया विकसित होता है ।
जीवन का कोई क्षेत्र शायद ही रघुरामन की नजर से बचा हो । यह पुस्तक उनके आठ वर्षों में प्रकाशित स्तंभों का चुनिंदा संग्रह है ।
उम्मीद है कि पुस्तक विभिन्न आयु के पाठकों में मूल स्तंभ की तरह ही लोकप्रिय होगी और उन्हें विभिन्न स्थितियों में आगे बढ़ने की राह दिखाएगी । -रमेश चंद्र अग्रवाल अध्यक्ष भास्कर समूह
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