द इंटेलिजेंट इनवेस्टर|The Intelligent Investor (Hindi)|बेंजामिन ग्राहम|Hindi Book Download

द इंटेलिजेंट इनवेस्टर|The Intelligent Investor (Hindi)|बेंजामिन ग्राहम|Hindi Book Download


हैलो दोस्तों आज हम लेखक बेंजामिन ग्राहम की बुक द इंटेलिजेंट इनवेस्टर|The Intelligent Investor (Hindi) के बारे में जानेंगे । इस पुस्तक(द इंटेलिजेंट इनवेस्टर) का उद्देश्य आम आदमी के अनुकूल वह मार्गदर्शन देना है , जिसे निवेश नीति के लिए अपनाया और लागू किया जा सके । 

यहाँ तुलनात्मक रूप से प्रतिभूतियों के विश्लेषण की तकनीक के बारे में कम बताया जाएगा और पूरा ध्यान मुख्य रूप से निवेश सि द्धांतों और निवेशकों की प्रवृत्ति पर दिया जाएगा , हालाँकि हम कुछ विशिष्ट प्रतिभूतियों के बीच सारपूर्ण तुलनाएँ भी प्रदान करेंगे- जो मुख्य रूप से न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज सूची में साथ - साथ दर्शाई जाती हैं , जिससे साधारण शेयरों के विशिष्ट विकल्पों में शामिल अहम तत्वों को ठोस ढंग से समझाया जा सका । 

लेकिन इसमें ज़्यादातर जगह वित्तीय बाज़ार के ऐतिहासिक पैटर्न को दी गई है , जो कुछ मामलों में कई दशक पीछे तक जाता है । प्रतिभूतियों में बुद्धिमानी से निवेश करने के लिए व्यक्ति को पहले ही इतनी पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए कि विभिन्न परिस्थितियों में भिन्न भिन्न क़िस्म के बांड्स और स्टॉक वास्तव में कैसा व्यवहार करते हैं , जिनमें कुछ या कम से कम एक का सामना तो व्यक्ति अपने अनुभव में करेगा ही । 

सैंटियाना का यह प्रसिद्ध कथन कि “ जिन्हें अपना अतीत याद नहीं रहता , वे इसे दोहराने को अभिशप्त होते हैं " , वॉल स्ट्रीट पर किसी भी अन्य व्यक्ति से कहीं ज़्यादा सटीक और बेहतर ढंग से लागू होता है । 

हमारी पुस्तक निवेशकों को संबोधित है , जो स्पेक्युलेटर से भिन्न होते हैं , और हमारा पहला काम अब इसी भूले - बिसरे अंतर को स्पष्ट करना और उस पर ज़ोर देना है । हम आरंभ में ही कहते हैं कि यह ' धनवान कैसे बनें ' बताने वाली पुस्तक नहीं है । वॉल स्ट्रीट या कहीं भी धनवान बनने को कोई सुनिश्चित या आसान रास्ता नहीं है । 

हमने अभी जो कहा है , उसे सम झाने के लिए थोड़े वित्तीय इतिहास की बात करते हैं - ख़ासकर तब , जब इससे एक से अधिक सबक़ सीखे जा सकते हों । 1929 में चरम उत्कर्ष के काल में जॉन जे . रस्कोब वॉल स्ट्रीट के साथ ही साथ देश में भी सबसे अहम शख़्सियत थे । 

उन्होंने लेडीज़ होम जर्नल में पूँ जीवाद के आशीर्वाद का गुणगान करने वाला लेख लिखा था , जिसका शीर्षक था - - ' एवरीवन ऑट टु बी रिच ' । उनका शोध था कि प्रति माह केवल 15 डॉलर बचाकर इन्हें अच्छे साधारण शेयर में निवेश करने - और लाभांश को पुनः निवेश करने से बीस वर्षों में 80,000 डॉलर की बड़ी रक़म बनाई जा सकती है , जिसमें आपका कुल योगदान केवल 3,600 डॉलर ही होगा । 

यदि जरनल मोटर्स के इस दिग्गज की बात सही है , तो निश्चित ही यह धनवान बनने का आसान रास्ता है । वे किस हद तक सही थे ? हमारा मोटा अनुमान - जो डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज़ ( डीजेआईए ) के 30 स्टॉक्स में अनुमानित निवेश पर आधारित है - संकेत देता है कि यदि 1929-1948 के दौरान रस्कोब का नुस्खा माना जाता , तो 1949 की शुरुआत में नि वेशक की होल्डिंग की क़ीमत लगभग 8,500 डॉलर होती । 

यह इस महान व्यक्ति के 80,000 डॉलर के वादे से बहुत दूर है , साथ ही यह इसे भी दर्शाता है कि ऐसी आशावादी भविष्यवाणियों और आश्वासनों को कितनी कम अहमियत देनी चाहिए , लेकिन एक तरफ़ , हम यह भी कहना चाहेंगे कि 20 - वर्ष के परिचालन से वास्तव में प्राप्त रिटर्न दरअसल 8 % वार्षिक चक्रवृद्धि से बेहतर रही होगी और इस तथ्य के बावजूद कि निवेशक ने अपनी शु रुआत डीजेआईए पर 300 से की होगी और 1948 में अंत के वक़्त उसका मूल्यांकन आधारित बंद स्तर 177 रहा होगा । 

इस रिकॉर्ड को मज़बूत साधारण शेयरों के उतार - चढ़ावों के बीच नियमित मासिक ख़रीद की प्रेरक बहस के संदर्भ के तौर पर लिया गया है , जिस प्रो ग्राम को ' डॉलर - कॉस्ट एवरेजिंग ' के नाम से जाना जाता है ।

About the Author 

बें जामिन ग्राहम कौन थे , और आपको उनकी बात क्यों सुननी चाहिए ? ग्राहम न केवल अब तक के सबसे बेहतरीन निवेशक थे , बल्कि वे अब तक के सबसे महान व्यावहारिक निवेश विचारक भी थे । ग्राहम से पहले , धन प्रबंधक काफ़ी हद तक मध्यकालीन श्रेणी ( गिल्ड ) की तरह व्यवहार करते थे , जो मोटे तौर पर अंध विश्वास , अनुमानों और रहस्यमय रिवाजों द्वारा निर्देशित थे । 

ग्राहम की सिक्योरिटी एनालि सिस वह पुस्तक थी , जिसने इस पुरानी मंडली को आधुनिक पेशेवरों में परिवर्तित किया । तथा इंटेलिजेंट इन्वेस्टर वह पहली पुस्तक है , जिसने व्यक्तिगत निवेशकों को उस भाव नात्मक ढाँचे और विश्लेषणात्मक साधन के बारे में बताया , जो वित्तीय सफलता के लिए आवश्यक हैं । 

यह निवेश पर आम जनता के लिए लिखी गई सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है । इंटेलिजेंट इन्वेस्टर वह पुस्तक है , जो मैंने 1987 में फ़ोर्ब्स पत्रिका में बतौर कब रिपोर्टर ( युवा रिपार्टर , जिसके पास ज़्यादा अनुभव नहीं होता ) की नौकरी पाने के बाद सबसे पहली पढ़ी थी , और मैं ग्राहम की सत्यता को देखकर चकित रह गया था । 

तेज़ी के सभी बाज़ार कमोबेश बुरी अव स्था में ही बंद होते हैं । उसी अक्टूबर में अमेरिकी शेयर इतिहास में सबसे बुरी एक - दिवसीय गिरावट आई , और मैं सम्मोहित था । ( आज , 1990 के दशक के बेलगाम तेज़ी के बाज़ार तथा 2000 की शुरुआत में बेदर्द मंदी के बाज़ार के बाद , इंटेलिजेंट इन्वेस्टर को और भी भविष्यसूचक के तौर पर पढ़ा जा रहा है ) । 

ग्राहम ने इस बोध को मुश्किलों को सहकर पाया था : उन्होंने सीधे तौर पर वित्तीय हानि की पीड़ा सही , और दशकों के बाज़ार इतिहास व मानसिकता का अध्ययन किया । उनका जन्म 9 मई , 1894 को लंदन में बेंजामिन ग्रॉसबाम के नाम से हुआ । उनके पिता चीनीमिट्टी के बर्तनों और मूर्तियों का व्यापार करते थे । 

जब बेन एक वर्ष के थे , तो उनका परिवार न्यू यॉर्क आ गया । शुरुआत में उन्होंने आलीशान जीवन जिया । अपर फिफ़्थ एवेन्यू इलाके में स्थित उनके घर में फ्रेंच गवर्नेस के साथ एक ख़ानसामा और एक गृह - सेविका भी थी , लेकिन बेन के पिता का 1903 में निधन हो गया , अब उनके चीनी मिट्टी के बर्तनों का कारोबार लड़खड़ाने लगा , और परिवार धीरे - धीरे ग़रीबी की गर्त में जाने लगा । 

बेन की माँ ने अपने घर को बोर्डिंग - हाउस बना लिया , तत्पश्चात शेयर कारोबार के लिए उन्होंने ' मार्जिन पर ' धन उधार लिया , जो 1907 के क्रैश में साफ़ गया । अपने शेष जीवन में बेन उस अपमान को याद करते थे , जब वे अपनी माँ के लिए चेक भुनाने जाते और बैंक टेलर को यह कहते हुए सुनते कि “ क्या डोरोथी ग्रॉसबाम का मूल्य पाँच डॉलर है ? " सौभाग्य से , ग्राहम को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लिए स्कॉलरशिप मिल गई , जहाँ उनकी प्रतिभा पूर्ण पुष्पित हुई । वे 1914 में अपनी कक्षा में दूसरे स्थान पर रहकर स्नातक हुए । 

ग्राहम के अंतिम सेमेस्टर से पहले ही तीन विभागों - अंग्रेज़ी , दर्शन और गणित ने - उन्हें अपने यहाँ पढ़ाने का प्रस्ताव दिया । उस वक़्त वे 20 वर्ष के थे । ग्राहम ने , अकादमिक की जगह वॉल स्ट्रीट में जाने का फैसला किया । उन्होंने एक बांड ट्रेडिंग फ़र्म में बतौर क्लर्क शुरुआत की , और जल्दी ही विश्लेषक बन गए , फिर भागीदार , और थोड़े ही समय में वे अपनी पाटर्नरशिप निवेश फ़र्म चला रहे थे ।

इंटरनेट के उदय और पतन से ग्राहम को हैरानी नहीं हुई होती । अप्रैल , 1919 में , उन्होंने ऑटो - बिज़नेस में उतरे नए प्रस्ताव सैवोल्ड टायर के एक दिन के कारोबार से 250 % रिटर्न अर्जित किया । अक्टूबर तक कंपनी धोखेबाज़ साबित हुई और उसके शेयर मिट्टी के भाव हो गए । 

ग्राहम शेयरों के सूक्ष्म , लगभग आणविक विवरण अनुसंधान में माहिर हो चुके थे । 1925 में , यूएस इंटरस्टेट कॉमर्स कमीशन की तेल पाइपलाइन में आई अस्पष्ट रिपोर्टों से उन्हें ज्ञात हुआ कि नॉर्दन पाइप लाइन कंपनी - जो उस वक़्त 65 डॉलर प्रति शेयर पर कारो बार कर रही थी - उसके पास हाई क्वालिटी बांड्स हैं , जो कम से कम 80 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से हैं । 

( उन्होंने वह स्टॉक ख़रीद लिया , उसके मैनेज़रों को लाभांश बढ़ाने के लिए बार - बार तंग किया , और तीन वर्ष बाद इस पर 110 डॉलर प्रति शेयर हासिल कर लिए ) । 1929-1932 के ग्रेट क्रैश के दौरान लगभग 70 % गँवा देने के बावजूद ग्राहम , तेज़ी के शेयर बाज़ार के टूटने के बावजूद सौदेबाज़ी का लाभ लेकर इन दुष्परिणामों से बचे व समृ द्ध हुए । 

ग्राहम के पूर्व के रिकॉर्ड की जानकारी नहीं है , लेकिन 1936 से 1956 में उनके रिटायर होने तक , उनकी ग्राहम - न्यूमैन कॉर्प . ने सालाना कम से कम 14.7 % का मुनाफ़ा कमाया , जिसके मुक़ाबले शेयर - बाज़ार का वार्षिक मुनाफा कुल मिलाकर 12.2 % था - जो वॉल स्ट्रीट के इतिहास का सर्वोत्तम दीर्घावधिक ट्रैक रिकॉर्ड था । 

ग्राहम ने यह कैसे किया ? अपनी साधारण दिमाग़ी ताक़त को गहन सामान्य समझ और विस्तृत अनुभव के साथ जोड़कर , ग्राहम ने अपने मूल सिद्धांतों को विकसित किया , जो कम से कम आज भी उतने ही मान्य हैं , जितने उनके जीवनकाल में थे : . होता । 

स्टॉक केवल टिकर सिंबल या इलेक्ट्रॉनिक ब्लिप नहीं होता , यह वास्तविक कारोबार में स्वामित्व का हित है , जिसका आधारभूत मूल्य इसके शेयर के भाव पर निर्भर नहीं बाज़ार एक पेंडुलम जैसा है , जो हमेशा न टिक सकने वाले आशावाद ( जिससे शेयर महँगा होता । है ) और अन्यायपूर्ण निराशावाद ( जो इन्हें अत्यधिक सस्ता बनाते हैं ) के बीच डोलता रहता है । इंटेलिजेंट इन्वेस्टर ऐसा यथार्थवादी होता है , जो आशावादियों को बेचता है और निराशावादियों से ख़रीदता है । किसी भी निवेश का भावी मूल्य उसके वर्तमान भाव का फल है । 

आप जितना ज़्यादा भाव देंगे , आपका रिटर्न उतना ही घटेगा । 

• आप चाहे जितने भी सावधान रहें , एक जोखिम है , जिससे निवेशक कभी बच नहीं सकता , यानी ग़लत होने का जोखिम । इसके लिए सिर्फ इस पर ज़ोर देना चाहिए जिसे ग्राहम ' मार्जिन ऑफ़ सेफ्टी ' कहते थे- कभी भी ज़्यादा मूल्य न दें , भले ही निवेश कि तना भी उत्साहवर्धक क्यों न प्रतीत होता हो- इससे आप अपनी खुद की ग़लतियों को न्यूनतम कर सकते हैं । 

• आपकी वित्तीय सफलता का रहस्य आपके अपने भीतर है । अगर आप ऐसे आलोच नात्मक विचारक बन जाएँ , जो वॉल स्ट्रीट के किसी भी ' तथ्य ' पर आस्था नहीं रखता , और आप पूरे धैर्यपूर्ण विश्वास के साथ निवेश करते हैं , तो आप सबसे ख़राब मंदी के बाज़ार में भी स्थिर प्रगति कर सकते हैं । अपने में अनुशासन और साहस उत्पन्न करके आप दूसरों के मूड परिवर्तन को अपना वित्तीय भाग्य बनने से रोक सकते हैं । अंत में , आपका निवेश कैसा व्यवहार कर रहा है , इससे ज़्यादा ज़रूरी यह देखना है कि आपका व्यवहार कैसा है ।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ