हैलो दोस्तों आज हम लेखक नेपोलियन हिल की Book Success Ke Vaigyanik Sootra के बारे में जानेंगे। ‘Success Ke Vaigyanik Sootra ’ समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं के विशिष्ट संस्करणों में प्रकाशित नेपोलियन हिल के जीवनचरित(Biographies) के असंगृहीत लों का एक संग्रह है।
इन लों के द्वारा हमें उनके एक प्रेरक वता होने के साथ-साथ उनकी लुभावनी(Captivating) लेन-शैली एवं लोकप्रियता(Popularity) की जानकारी प्राप्त होती है।
नेपोलियन हिल की जीवन-कृतियों की प्रस्तावना के रूप में इन लों को पढ़ा जाए। तत्पश्चात् कुछ और गहराई में उतरकर तथा उनकी कुछ अन्य साहित्यिक कृतियों को पढे़ं; जैसे ‘Think and Grow Rich’; ‘Law of Susses’ अथवा ‘How to Sell Your Way through Life’; साथ-ही-साथ डॉ. हिल द्वारा बताई गई बातों को अपने व्यवहार में भी उतारें।
प्रस्तुत पुस्तक का उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना नहीं है कि डॉ. हिल ने या लि है; बल्कि जीवन में सफलता पाने के लिए उनकी लि बातों को अपने जीवन-व्यवहार(life-behavior) में उतारना है।
यह पुस्तक नेपोलियन हिल के दर्शन का परिचय कराने के साथ-साथ उनके पुनश्चर्या lessons में भी उतनी ही सहायक होगी। लघु निबंध अत्यंत Attractive हैं एवं उच्च स्वर में पढ़ने योग्य हैं। इनमें कोई-न-कोई ऐसी बात है; जो आपको सद्कार्य की प्रेरणा(inspires) देती है। इनमें अपने जीवन में सफलता के secrets छिपे हैं
पुस्तक के कुछ अंश -
जॉन जॉनसन आज शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा , जो नेपोलियन हिल तथा उनके सफलता के सि द्धांत से परिचित न हो । दुनिया भर में फैले लाखों पाठकों ने उनकी शिक्षाओं को पढ़ा और उनसे लाभ उठाया है । हालाँकि कुछ ऐसे लोग भी होंगे , जो अपने लेखक की विशाल व्य क्तिगत सफलता से अवगत होंगे ।
एक व्यक्ति , जिसने अपनी विशिष्ट सोच के बल पर कस्बाई स्तर से प्रगति कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम हासिल किया । वह व्यक्ति , जिसने ला खों लोगों को सफलता का मंत्र दिया , इस अंक में हम उस व्यक्ति का विलक्षण जीवन - वृत्त जानेंगे और यह भी कि किस प्रकार उनका मौलिक मंत्र आपके जीवन में सफलता ला सकता है । |||
सन् 1933 में फ्रैंकलिन डिलानो रूजवेल्ट के इस गुंजायमान उद्घोष को सुनते ही सारे अमेरिकावासी प्रेरित एवं सक्रिय हो उठे , सिवाय भय के हमें और किसी बात का भय नहीं है । इस वक्तव्य ने सभी जगह लोगों को अचंभित कर दिया तथा लोगों में व्याप्त भय और घब राहट पर विराम लगाया था ।
वह भय , जिसने हमारी अर्थव्यवस्था को तोड़ दिया था तथा हमारी सरकार की नींव को हिला रखा था । जिस समय राष्ट्रपति इन शब्दों को बोल रहे थे , एक व्यक्ति उन्हें बड़ी आत्म - तृप्ति के साथ सुन रहा था । यह व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में लोगों को शब्द एवं विचारों की आपूर्ति करने में माहिर था ।
यही उसका जीवन कार्य था । उनके द्वारा व्यक्त विचारों के इस्तेमाल के लिए अमे रिका के राष्ट्रपति ही वस्तुतः सर्वाधिक उपयुक्त माध्यम थे , गोपनीय सलाहकार के रूप में उनके विचार अन्य लोगों को लाभान्वित करने की राह में एक मील का पत्थर साबित हुए ।
यह अदृश्य व्यक्ति था ' नेपोलियन हिल ' । इन्हें ' थिंक एंड ग्रो रिच ' , ' हाऊ टु रेज योर ओन सै लरी तथा अन्य श्रेष्ठ कृतियों के सफल रचयिता के रूप में भी देखा जा सकता है ; लेकिन जो लोग इनकी बातों में निहित वास्तविक संदेश को समझने में सक्षम होते हैं , उनके लिए वे मात्र एक लेखक अथवा रचयिता नहीं , बल्कि उससे कहीं बढ़कर हैं । लेखन तो केवल वह माध्यम है , जिसके जरिए उन्होंने लाखों लोगों को अपने भीतर के सत्य और शक्ति को पहचानने योग्य बनाया ।
ये शक्तियाँ क्या है ? संक्षेप में कहा जाए तो इसके अंतर्गत आते हैं , मानवीय प्रज्ञा एवं योग्यता के विशाल और अनछुए भंडार अधिकतम ताकत के साथ इन शक्तियों को अनावृत करने वाले सूत्र के सृजन तथा दैनिक जीवन में इनका उपयोग कैसे किया जाए , यह सिखाने के लिए । हिल ने अपना जीवन समर्पित किया है । 65 वर्षीय नेपोलियन हिल की आवाज को दुनिया के हर कोने में सुना गया है और इसका प्र भाव अत्यंत शक्तिशाली रहा है ।
20 अन्य राष्ट्रों के लाखों लोगों ने इनकी पुस्तकें पढ़ी हैं , यहाँ तक कि दूर स्थित भारत देश में भी इनकी कृतियों ने हलचल मचा दी है । महात्मा गांधी के प्र भाव के जरिए मुंबई का एक प्रकाशक हिल की सफलता से संबंधित पुस्तकों का प्रकाशन एवं वितरण करता है ।
ब्राजील में उनकी पुस्तकों का पुर्तगाली भाषा में अनुवाद एवं प्रकाशन किया गया है और उनकी एक सर्वाधिक लोकप्रिय पुस्तक ' थिंक एंड ग्रो रिच ' के विशेष सं स्करण का प्रकाशन सिडनी ( ऑस्ट्रेलिया ) में हुआ और उसका वितरण Read Continue
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