इकिगाई | Ikigai (Hindi) Art of staying Young.. while growing Old | Hindi Book Download

इकिगाई | Ikigai (Hindi) Art of staying Young.. while growing Old | Hindi Book Download 

Ikigai (Hindi) Art of staying Young

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हैलो दोस्तों आज हम लेखक हेक्टर गार्सिया एवं फ्रांसिस मिरेलस की Book Ikigai (Hindi) Art of staying Young.. while growing Old के बारे में जानेंगे।

इकिगाई : एक रहस्यमयी शब्द टोक्यो में एक रात बारिश हो रही थी । तब इस किताब के दोनों लेखक ( हम दोनों ) पहली बार मिलकर नगर के छोटे से बार में चर्चा कर रहे थे । इसी दौरान पहली बार इस किताब के बीज बोए गए । 

इससे पहले कई बार हम दोनों ने एक - दूसरे की किताबों को पढ़ा था , लेकिन यह पहली ही बार था जब हम एक - दूसरे से मिल रहे थे । हम दोनों जापान की राजधानी से हज़ारों मील दूर रहते थे , लेकिन दोनों की पसंद का विषय एक ही था । शायद यही वजह थी कि हम उस रोज़ मिल रहे थे । 

उस मुलाक़ात की वजह से ही इस किताब का निर्माण हुआ है । उस मुलाक़ात के क़रीब एक साल बाद हम दोनों दोबारा मिले । टोक्यो के बगीचे में टहलते हुए हमने पाश्चात्य मनोविज्ञान , और ख़ासकर के उस ' लोगोथैरेपी ' के बारे में बातचीत की जो लोगों को अपने जीवन का मक़सद ढूँढ़ने में मदद करती है । 

हमारी बातचीत में एक बात उभरकर आई कि आजकल के मनोचिकित्सक विक्टर फ्रैंकल की बताई हुई ' लोगोथैरपी ' का इस्तेमाल कम करते हैं । इसकी बजाय वे कॉलेजों में सिखाई जाने वाली बातों को प्रमाण मानते हैं । लेकिन आज भी लोग अपने जीवन का सही मक़सद जानने में नाकामयाब होते रहते हैं । 

हम हमेशा ही अपने आप से यह सवाल पूछते रहते हैं , " " मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है ? " " क्या ज़्यादा से ज़्यादा साल ज़िंदा रहना ही जीवन का लक्ष्य है , या इससे भी बड़ा और इससे अलग कोई और उद्देश्य है ? " कुछ लोगों को यह पता होता है कि उन्हें क्या चाहिए और वे उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ही जीते हैं । 

जबकि कुछ लोग हमेशा दुविधा में जीते रहते हैं । ऐसा क्यों होता है ? तब हमारी चर्चा में एक शब्द बार - बार आया और वह जादुई शब्द था इकिगाई । यह एक जापानी संकल्पना है । इसका सामान्य अर्थ है , “ हमेशा व्यस्त रहने से मिलने वाला आनंद । " लोगोथैरपी की तरह इसका मक़सद भी अपने जीवन का उद्देश्य ढूँढ़ना है ले किन इसमें काफ़ी गहरा अर्थ छुपा हुआ है । 

इकिगाई शब्द जापान के लोगों की लंबी आयु का रहस्य बताता है । ओकिनावा जैसे शहर में रहने वाले लोगों की आयु काफ़ी ज़्यादा होती है । यहाँ पर प्रति एक लाख लोगों में से 24.55 लोग 100 साल से ज़्यादा उम्र के पाए जाते हैं । वैश्विक स्तर की तुलना में यह अनुपात काफ़ी ज़्यादा है । 

जिन लोगों ने यह राज़ पता लगाने के लिए अध्ययन किया है कि इस द्वीप के लोग बाक़ी जगहों की तुलना में लंबी उम्र जीते हैं , उनका कहना है कि अच्छा भोजन , ग्रीन टी तथा अच्छा मौसम ( हवाई शहर के मौसम की तरह यहाँ का माहौल भी काफ़ी अच्छा और सुखद होता है ) इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं , लेकिन यहाँ के लोगों के ज़्यादा साल जीने के पीछे की असली वजह होती है इकिगाई । यह शब्द उनके जीवन को सही दिशा देता है ।

इस विषय का अध्ययन करते वक्त एक बात विशेष रूप से हमारे सामने आई कि मनोवि ज्ञान या निजी विकास के क्षेत्र में कोई भी किताब उपलब्ध नहीं है जिससे कि इस दर्शन से पश्चिमी जगत परिचित हो सके । 

क्या अन्य जगहों की तुलना में ओकिनावा निवासियों के शतायु होने का का राज़ इकिगाई है ? उनके आनंदित और लंबी उम्र वाले जीवन के पीछे क्या राज़ होगा ? हमने इस बात की और गहराई से खोज की तो हमें द्वीप के उत्तरी छोर पर स्थित ओगिमी नामक एक छोटे से गाँव के बारे में पता चला । 

इस गाँव को दीर्घायु लोगों के गाँव के रूप में जाना जाता है । तीन हज़ार लोगों के इस छोटे से गाँव में विश्व के सबसे ज़्यादा दीर्घायु लोग रहते हैं । ओकिनावा ऐसी जगह स्थित है जहाँ जापान का शिकुवासा फल ( नींबू की तरह दिखने वाला और एन्टीऑक्सीडेंट की बहुत ज़्यादा मात्रा वाला ) सर्वाधिक मिलता है । 

कहीं यह फल तो इनकी लंबी उम्र का राज़ नहीं है ? मोरिंगा चाय बनाने के लिए जो शुद्ध पानी इस्तेमाल होता है , कहीं वह इसके पीछे की वजह तो नहीं है ? हमने जापानियों के शतायु होने का रहस्य व्यक्तिगत तौर पर जानने की ठान ली । एक साल के प्रारंभिक शोध के बाद हम अपने कैमरों और रिकॉर्डिंग उपकरणों के साथ ओकिनावा पहुँच गए । 

वहाँ के लोग काफ़ी प्राचीन भाषा बोलते हैं और जीववादी धर्म के उसूलों के अनु सार जीते हैं जंगल के लंबे बालों वाले वेताल ' बुनागया ' को अहमियत दी जाती है । हमारे पहुँ चते ही वहाँ के लोगों ने स्नेहशीलता के साथ हमारा स्वागत किया । 

कुछ ही समय में हम उनके साथ अच्छे से घुलमिल गए । वे लोग हरी - भरी पहाड़ियों और स्वच्छ पानी वाले वातावरण में हँसते और चुटकुले सुनाते दिखते । जब हमने वहाँ के सबसे बुज़ुर्ग लोगों से भेंटवार्ता की तो हमें पता चला कि कुदरती मा - हौल के अलावा वहाँ पर कुछ और भी है जिसकी वजह से वहाँ के लोग लंबी आयु जीते हैं । 

वहाँ के लोगों में एक अजीब सी ऊर्जा और जोश है जिसकी वजह से वे लंबा और आनंद दायक जीवन जीते हैं । फिर एक बार इकिगाई शब्द हमारे सामने आया । 

हमने वहाँ के लोगों से पता करने की कोशिश की कि इकिगाई मतलब क्या ? इसका असली अर्थ क्या है और इससे क्या फ़ायदा होता है ? हमें और एक बात सुनकर झटका लगा कि दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त इसी गाँव पर हमला हुआ था और दो लाख लोग मारे गए थे । लेकिन हैरानी की बात यह थी कि इन लोगों के मन में किसी के भी प्रति कोई नकारात्मक भावना नहीं थी । उल्टा , वे सकारात्मक सोच और इचा रीबा चोडे के आधार पर जीवन जी रहे थे । 

इचारीबा चोडे का अर्थ है- “ सभी के साथ भाई की तरह बर्ताव करें । जिन लोगों से आप कभी नहीं मिले हों उनके बारे में भी यह मानकर ही जिएँ कि वे आपके भाई हैं । " ओगिमी लोगों के आनंददायक जीवन के पीछे का पहला राज़ जो हमें मिला वह था , उनका सामाजिक जीवन । वे लोग काफ़ी पहले से ही युइमारु या टीम भावना के साथ और अपनेपन से जीवन जीते आए हैं । 

वे लोग हमेशा एक - दूसरे के साथ प्यार से पेश आते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं । दोस्ताना अंदाज़ में जीना , हलका भोजन करना , तथा सही मात्रा में आराम और नियमित हल्का व्यायाम उनके स्वस्थ रहने के कारण हैं । लेकिन उनके पूर्णतः आनंददायक और शतायु जीवन के पीछे का असली कारण है इकिगाई । वे हर दिन को इकिगाई के हिसाब से जीते हैं ।

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