Safalta Ka Rahasya | सफलता का रहस्य (Hindi) | Author -Swett Marden | Hindi Book Download

सफलता का रहस्य (Hindi)

हैलो दोस्तों आज हम लेखक Swett Marden की Book सफ़लता का रहस्य(Safalta Ka Rahasya) के बारे में जानेंगे।

स्वेट कहते की आप यह जानने का तनिक प्रयास तो कीजिए । आपके भीतर भी बहुत बड़ी शक्ति छिपी है । आप अपने आपको जानते ही नहीं हैं । आपने स्वयं को कमजोर या हीन समझ रखा है , इसीलिए तो आप कमजोर और हीन हैं । आप हीनता की बातें सोचते रहेंगे तो हीनता मिलेगी । सफलता की बातें , ऊंचाइयों की बातें सोचेंगे तो ऊंचाइयां मिलेंगी । अतः आप अच्छी , ऊंची और सफलता की बातें सोचिए । 

जीवन में आप यदि असफल और निराश हैं तो उसका कारण यह है कि आपने अपने अंदर छुपी शक्तियों को पहचाना नहीं है । आप सफलता के लिए ठीक प्रयत्न नहीं करते इसलिए आप सफल नहीं हैं । आप वही सोचें जो आप चाहते हैं । जब आप सफलता की ओर बढ़ते हैं , प्रयत्न कर रहे हैं तो सफलता मिलेगी । 

जिस क्षण आप असफलता का विचार या आशंका करने लगते हैं , उसी क्षण आपकी ओर असफलता चल पड़ती है और सफलता आपसे दूर होने लगती है क्योंकि आप स्वयं सफलता के विरुद्ध सोचने लगे हैं । और उल्टी दिशा में चलने लगे हैं । आपके हृदय में किसी वस्तु के लिए यदि हार्दिक आकर्षण और इच्छा है तो समझिए कि वस्तु आपके लिए सुरिक्षत रखी है , आप उसे पा जाएंगे । 

यदि आप परेशानियों से घिरे हैं , असफलताएं ही मिल रही हैं , तो चिंता मत कीजिए । निराश मत होइए । जो इच्छा है , उस पर दृढ़ रहिए । उसके लिए प्रयास करते रहिए , आप उसे पा लेंगे । सफलता को भूलिए नहीं , उसी के विचारों में डूबे रहें और उसे याद रखें । कभी यह तो सोचिए ही नहीं कि आप असफल हो सकते हैं । 

आप सफलता को ही अपने द्वार पर खड़ा पाएंगे । संसार में जितने भी सफल लोग थे या हैं , उन सबकी सफलता का राज यही है कि वे अपनी समस्त शारीरिक और मानसिक शक्तियों का प्रयोग करके अपने लक्ष्य की ओर बढ़े हैं , उन्होंने किसी की बात पर ध्यान नहीं दिया कि क्या कह रहे हैं । 

अपनी इच्छा की पूर्ति के प्रयत्न में लगे रहे , अपनी आत्मा की आवाज को ईश्वर की प्रेरणा मानकर चलते रहे । यह एक सत्य है । छुपा हुआ सत्य है ।

आपकी आत्मा से जो आवाज आती है , आपके हृदय में जो भावना उठती है , आप दिल से जो इच्छा कर रहे हैं , यह भावना की ही प्रेरणा है । आप उसे पूर्ण कर सकते हैं । क्योंकि सभी इच्छाएं पूर्ण होने के लिए ही उत्पन्न होती हैं कुछ भी तो संम्भव नहीं है । वह सभी कुछ हो सकता है जिसकी इच्छा हृदय की गहराइयों से उत्पन्न होती है । 

कुछ लोग जब सफल नहीं होते हैं तो वे दूसरों को कोसने लगते हैं । अपनी योग्यता , असफ लता का दोष वे भाग्य , विधाता , समाज या व्यवस्था पर डाल देते हैं । अपनी गलती को दूसरों के सिर मढ़ देते हैं । सचमुच दोष इसमें आप ही का होता है । आप पूरा प्रयास नहीं कर रहे हैं । आप आगे बढ़ने का सफलता पा लेने का विश्वास खो बैठे हैं । 

आत्मविश्वास खो दिया है आपने अपनी असफलता के कारणों को ढूंढ़ने के बजाय आप दूसरों पर दोषारोपण करने में लग गए हैं । प्रयास कीजिए , दृढ़ संकल्प के साथ , पूरे परिश्रम से सफलता के विश्वास के साथ आगे बढ़ते रहिए । सफलता आपके कदम चूमेगी । 

मनुष्य का व्यक्तित्व दो चीजों से मिलकर बना है । वंशानुक्रम और वातावरण । वंशानुक्रम में तो माता - पिता , दादा - दादी और नाना - नानी के व्यक्तित्व की झलक होती है , कद , रूप , रंग होता है ; किंतु महत्त्वपूर्ण रोल व्यक्तित्व के बनाने में वातावरण का है । आप जो कुछ हैं , अपने वातावरण की देन हैं । 

आप जो सोचते हैं , जैसे वातावरण में रहते हैं , जैसे लोगों के बीच रहते हैं , जैसी कल्पनाएं करते हैं , वैसे ही आप बनते भी जाते हैं । आप जो सोचते हैं , विचार करते हैं , विश्वास करते हैं , उसी से आपका जीवन ढलता चला जाता है । बहुत से लोगों के बारे में कहा जाता है कि वह सदा सफल रहता है । वह जो भी इच्छा करता है उसे पा लेता है । 

जहां भी वह हाथ डालता है मिट्टी भी सोना बन जाती है । जिस काम को वह अपने हाथ में ले लेता है , वह हो ही जाता है । इसका क्या अर्थ है ? इसका स्पष्ट अर्थ यही है कि वह व्यक्ति सदा सफलता की बात सोचता है , वह सफलता के विचारों में डूब कर अपने लक्ष्य के लिए प्रयत्न करता है और निराश नहीं होता । दृढ़ आत्मविश्वास और परिश्रम की शक्ति से आप भी सफलता को अपनी ओर खींच सकते हैं । 

ईश्वरीय प्रेरणाओं से आप शक्ति ले सकते हैं । और अभिलाषाओं को पूरी कर सकते हैं । आप अपने जीवन के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में प्रयास करें । उसे ईश्वरीय प्रेरणा मा नकर आगे बढ़ें ।


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