व्यक्तित्व या पर्सनैलिटी डेवलपमेंट गाइड | लेखक - प्रियांशु शेखर | हिन्दी पीडीएफ | Personality Development Guide | Writer - Priyanshu Shekhar | Hindi PDF

पर्सनैलिटी डेवलपमेंट गाइड/Personality Development Guide


पुस्तक के बारे में/About Book -

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पुस्तक का नाम / Name of EBook :- पर्सनैलिटी डेवलपमेंट गाइड/Personality Development Guide

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पुस्तक के लेखक / Author of Book :- प्रियांशु शेखर/Priyanshu Shekhar

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पुस्तक की भाषा / Language of Book :- हिन्दी/English 

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पुस्तक के प्रकार / Types of Book :- PDF | KINDLE EDITION| HARD COVER

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पुस्तक का विषय सूची -

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आपकी सफलता की पहली सीढ़ी आपके व्यक्तित्व या पर्सनैलिटी से होकर गुजरती है । किसी से भेंट - मुलाकात के समय सबसे पहले जो चीज दिखाई देती है , वह आपका व्यक्तित्व ही होता है । 
व्यक्तित्व वह दर्पण है जो हमारे अंतर्मन की तसवीर होता है । कई बार व्यक्तित्व से ही हम किसी के बारे में अच्छी या बुरी धारणाएँ बना लेते हैं । दरअसल , हमारा व्यक्तित्व एक चुंबक के समान होता है , जो आस - पास के लोगों पर प्रभाव डालता है । 

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जितने हम सकारात्मक अथवा पॉजिटिव एनर्जी से भरे होंगे , उतना ही हमारा व्यक्तित्व प्रभावशाली होगा । हम अनेक सकारात्मक विचारों की उपयोगी ऊर्जा को ग्रहण करके अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बना सकते हैं । 

इसके लिए सबसे पहले हमें आशावादी बनना होगा और अपने सारे नकारात्मक या नैगेटिव विचारों को त्यागना होगा । साथ ही जीवन में केवल सकारात्मक विचारों को जगह देनी होगी । 

यदि किसी स्थान पर दुःख और सुख दोनों चीजें हों तो ' दुःख ' शब्द का हमें उच्चारण भी करने से बचना होगा । हमें केवल सुख को देखना होगा । केवल उजले पक्ष को साथ लेकर चलना होगा । यह स्मरण रखें कि उजाले की एक महीन किरण भी अँधेरे को चीरकर रख देती है । 

क्रोध , हीन , भावना , अविश्वास नकारात्मक प्रवृत्ति , ईर्ष्या , द्वेष , अस्थिरता , अधीरता , आलस्य , असमर्पण इत्यादि दोष व्यक्तित्व विकास के मार्ग के अवरोधक हैं । 

इन्हें कुचलकर रख दें और केवल अपने लक्ष्य पर निगाह रखें । आपका लक्ष्य होना चाहिए- सकारात्मक व्यक्तित्व विकास । 

जब आप अपने • उपर्युक्त विकारों को शांत कर देंगे तो आपका व्यक्तित्व स्वत : ही सफलता की चाबी बन जाएगा । अपने विकारों से मुक्त होना जरा भी कठिन नहीं है । 

बस , आपको अपने मन को यह समझाना है कि अब से आप क्रोध नहीं करेंगे , ईर्ष्या नहीं करेंगे , हीन भावना को मन में नहीं पालेंगे आदि - आदि । 

फिर जब भी आप इन विकारों के आवेग में बहने लगें तो अपने संकल्प को याद करें , आपका मन स्वतः शांत हो जाएगा ।


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