भाग्य लिखने की कलम - कर्म | Bhagya Likhne Ki Kalam - Karm | हिन्दी पीडीएफ डाउनलोड

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भाग्य लिखने की कलम - कर्म  - Bhagya Likhne Ki Kalam - Karm

भाग्य लिखने की कलम - कर्म  - Bhagya Likhne Ki Kalam - Karm

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पुस्तक के बारे में/About Book - भाग्य लिखने की कलम - कर्म  | Bhagya Likhne Ki Kalam - Karm

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पुस्तक का नाम / Name of EBook :- भाग्य लिखने की कलम - कर्म  | Bhagya Likhne Ki Kalam - Karm

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पुस्तक के लेखक / Author of Book :- Unknown 

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पेजों की संख्या :- 34 पेज 

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पुस्तक की भाषा / Language of Book :- हिन्दी 

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पुस्तक के प्रकार / Types of Book :- PDF | HARD COVER

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लेखक - बुक 'भाग्य लिखने की कलम - कर्म  | Bhagya Likhne Ki Kalam - Karm' के हिन्दी पीडीएफ के कुछ अंश :-

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भाग्य लिखने की कलम - कर्म  

वर्तमान समय हम युग परिवर्तन काल से गुज़र रहे हैं जब कलियुग की समाप्ति और सतयुग का आरम्भ होता है। इस पावन वेला को संगमयुग कहा जाता है। 

यही समय है जब स्वयं परमात्मा इस धरा पर अवतरित होते हैं और मनुष्यात्माओं को पावन बनाकर सतयुग की पुनर्स्थापना करते हैं।

परमात्मा ज्ञान के सागर हैं और इस समय वे हमें जो मुख्य शिक्षाएं दे रहे हैं उनमें से एक है 'कर्मों की गुह्यगति का ज्ञान'। हमारे जीवन में कई घटनाएं घटती रहती हैं, कई अच्छी होती हैं तो कई बुरी | साधारणतः मानव इन घटनाओं को परमात्मा की इच्छा समझता है। 

जब उसके साथ कुछ अच्छा होता है तो वह परमात्मा को धन्यवाद करता है वही पर यदि उसके साथ कुछ बुरा हो जाए तो वह सारा दोष परमात्मा पर डाल देता है। 

इस संदर्भ में परमात्मा ने हमें यह शिक्षा दी है कि मनुष्य के जीवन में होने वाली घटनाओं का जिम्मेदार परमात्मा नहीं बल्कि स्वयं मनुष्य ही है। जैसे कर्म मनुष्य करता है उसे वैसा फल मिलता है। 

परमात्मा किसी भी व्यक्ति के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। परमात्मा तो सुख के सागर हैं, भला वो किसी को दुःख क्यों देंगे ।

इस अति आवश्यक विषय को एक सुंदर कथा के माध्यम से इस किताब में दर्शाया गया है जिसमें कर्म सिद्धांत के गुह्य रहस्यों के साथ-साथ परमात्मा द्वारा प्राप्त अन्य शिक्षाओं को भी उजागर किया गया है। इनमें प्रमुख हैं आत्मा का ज्ञान, परमात्मा का सत्य परिचय, राजयोग, कालचक्र इत्यादि । ,

आशा है कि इस किताब को पढ़कर आपके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन और विचारधारा में अनोखा बदलाव आयेगा। साथ ही आप यह भी जान जाएंगे कि कैसे इंसान अपने कर्मों की कलम से अपना भागय लिखता है।

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