गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां | मुकेश नादान | हिन्दी पीडीएफ | Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan | Mukesh Nadan | Hindi Pdf

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां | मुकेश नादान | हिन्दी पीडीएफ | Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan | Mukesh Nadan | Hindi Pdf 

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां | मुकेश नादान | हिन्दी पीडीएफ | Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan | Mukesh Nadan | Hindi Pdf

गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां

हैलो दोस्तों आज हम आपके लिए पुस्तक ' गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां ' की हिन्दी पीडीएफ लेकर आए हैं । इस हिन्दी पीडीएफ को आप डाउनलोड भी कर सकते है ।

पुस्तक के बारे में/About Book -  गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां / Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan

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पुस्तक का नाम / Name of EBook :-  गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां / Gautam Buddha ki Prerak Kahaniyan

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पुस्तक के लेखक / Author of Book :- मुकेश नादान / Mukesh Nadan

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पेजों की संख्या :- 520 पेज 

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पुस्तक की भाषा / Language of Book :- हिन्दी 

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पुस्तक के प्रकार / Types of Book :- PDF | HARD COVER

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DR. BABASAHEB AMBEDKAR BOOKS :-

About the book

गौतम बुद्ध तथागत नामसे भी जाने गए। गौतम बुद्ध ने अपने सिद्धांतोंके प्रचार-प्रसार में जाति व्यवस्था काभी घोर विरोध किया था। 

उन्होंने मानव-मानव की समानतापर बल दिया। उन्होंने जन्मको न मानकर बुद्धि तथा चरित्र के आधार को छोटे-बड़े होनेका मापदंड माना है। उन्होंने घोषणा भी कीथी कि मनुष्य जन्म से नहीं, अपितु कर्मसे ब्राह्मण अथवा शूद्र होता है। 

गौतम बुद्ध द्वारा अनेक ऐसी बातोंका प्रचार किया गया, जो आजभी मानव को एक-दूसरे से प्रेम, सद्भाव, दया और भाईचारेका संदेश देती हैं। 

इन्हीं संदेशों से प्रेरित गौतम बुद्ध की अनेक कथाएँ समाज-जीवनमें प्रचलित हैं, जो मानव को असीम ज्ञानकी ओर प्रेरित करती हैं। 

प्रस्तुत पुस्तक में ऐसी भी कुछ कथाओंको संगृहीत किया गया है, जो गौतम बुद्ध के जन्म से लेकर निर्वाण तककी घटनाओं का वर्णन करती हैं तथा उनके आचार विचार से ओतप्रोत हैं। 

अपने शिष्यों को समय-समय पर उपदेश देते हुए उन्होंने अनेक कथाओंको उदाहरणार्थ समझाने का प्रयास किया और उन्हीं कथाओ का प्रचार प्रसार उनके शिष्योंने भी आगे किया। कथाएँ पूर्ण रूपसे शिक्षात्मक एवं संस्कारित हैं। हमें आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास हैकि गौतम बुद्ध की ये पठनीय कथाएँ अवश्यही प्रत्येक वर्ग के पाठकों को ज्ञानका बोध कराने में सहायक सिद्ध होंगी और समरस समाज बनानेका मार्ग प्रशस्त करेंगी।.

About the Author

मुकेश ‘नादान’ 5 नवंबर, 1964 को नगर नजीबाबाद (उ.प्र.) में जनमे लेखक एवं चित्रकार हैं मुकेश ‘नादान’ ने साहित्य-जगत् में अपनीअलग पहचान बनाई है। विभिन्न विषयों पर संपादित एवं लिखी गई दोसौ से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं।

बालपाठकों के लिए अनेक सचित्र एवं शिक्षा प्रद पुस्तकें लिखकर उनमें शिक्षा एवं संस्कृति का संचार किया है। ‘नन्ही मुनिया’, ‘जंगल और आदमी’, ‘शिक्षाप्रद बाल गीत’  ‘शिक्षाप्रद बाल कहानियाँ’ जैसी पुस्तकें आजभी बाल पाठकों की पहली पसंद बनी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर उपयोगी शृंखलामें लिखी ‘प्रदूषण का कहर’, ‘बुढ़ापा: वरदान या अभिशाप’, ‘विश्व प्रसिद्ध महान् संत’ (जीवनियाँ), ‘बचपन: दशा और दिशा’ महानायक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम’ (जीवनी), आदि पुस्तकें भी लोकप्रिय हुई हैं।

लेखकीय

ईसा पूर्व छठी शताब्दी का काल देशमें चारों ओर हिंसा और अशांति का तांडव था। संपूर्ण भारत वर्ष ऐसे भीषण दौरसे गुजर रहा था कि शांतिकी एक किरण भी कहीं दिखाई नहीं पड़ रही थी। अनेक राज्य ऐसे भी थे, जहाँ शांतिका संबल था, परंतु वहाँ भी किसी किसी रूप में, कहीं-न-कहीं हिंसा अथवा अशांति विद्यमान थी; तभी भारतवर्ष की धरापर ऐसी विषम परिस्थितियों में एकमहान् विभूति का आगमन हुआ, जिनका नाम था  - गौतम बुद्ध । 

पुराणों में विष्णुके दसावतारों में गौतम बुद्ध भी एक अवतार मानागया है। कालांत में हिंदुओंने अपनी उपासना पद्धतिमें बुद्ध को देवताके रूप में मान्यता प्रदान की है। हालाँकि इनके जन्म के सं बंध में इतिहासकारोंके मत भिन्न हैं। फिर भी गहन अध्ययन एवं समीक्षा के आधार पर इनका जन्म ५६३ ई. पूर्व कोही इनका जन्म माना गया है।

गौतम के पिता शुद्धोधन नेपालकी तराई में स्थित कपिलवस्तु के शाक्यगणराज्य के प्रधान थे। इनकी माताका नाम महामाया था, जो कोलिय गणराज्यकी कन्या थीं। गौतम बुद्ध बाल्यकालसे ही बड़े दयालु और सहज प्रवृत्तिके थे। गौतम बुद्धने देश-विदेश में अपने भिक्षुओंके साथ घूम-घूमकर बौद्ध धर्मका प्रचार किया। मानवजाति को अहंकार, हिंसा, परोपकार आदिके ज्ञान का बोध कराया।

पुस्तक के कुछ अंश  :-


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